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This stotram is in शुद्ध दॆवनागरी (Samskritam). View this in
सरल दॆवनागरी (हिंन्दी), with simplified anuswaras for easy reading.
गायत्रि मन्त्रं घनापाठम्
ॐ भूर्भुवस्सुवः तथ्स'वितुर्वरे''ण्यं भर्गो' देवस्य' धीमहि | धियो यो नः' प्रचोदया''त् ‖
तथ्स'वितु - स्सवितु - स्तत्तथ्स'वितुर्वरे''ण्यं वरे''ण्यग्^म् सवितु स्तत्तथ्स'वितुर्वरे''ण्यम् |
सवितुर्वरे''ण्यं वरे''ण्यग्^म् सवितु-स्स'वितुर्वरे''ण्यं भर्गो भर्गो वरे''ण्यग्^म् सवितु-स्स'वितुर्वरे''ण्यं भर्गः' |
वरे''ण्यं भर्गो भर्गो वरे''ण्यं वरे''ण्यं भर्गो' देवस्य' देवस्य भर्गो वरे''ण्यं वरे''ण्यं भर्गो' देवस्य' |
भर्गो' देवस्य' देवस्य भर्गो भर्गो' देवस्य' धीमहि देवस्य भर्गो भर्गो' देवस्य' धीमहि |
देवस्य' धीमहि धीमहि देवस्य' देवस्य' धीमहि | धीमहीति' धीमहि |
धियो यो यो धियो यो नो' नो यो धियो धियो योनः' ‖
यो नो' नो यो योनः' प्रचोदया''त्प्रचोदया''न्नो यो योनः' प्रचोदया''त् |
नः प्रचोदया''त् प्रचोदया''न्नो नः प्रचोदया''त् | प्रचोदयादिति' प्र-चोदया''त् |