View this in:
This stotram is in सरल दॆवनागरी(हिंन्दी). View this in
शुद्ध दॆवनागरी (Samskritam), with appropriate anuswaras marked.
अन्नमय्य कीर्तन विन्नपालु विनवलॆ
रागं: भूपालं
विन्नपालु विनवलॆ विंत विंतलु |
पन्नगपु दोमतॆर पैकॆत्तवेलय्या ‖
तॆल्लवारॆ जामॆक्कॆ देवतलु मुनुलु |
अल्लनल्ल नंतनिंत नदिगोवारे |
चल्लनि तम्मिरेकुलु सारसपु गन्नुलु |
मॆल्लमॆल्लनॆ विच्चि मेलुकॊनवेलय्या ‖
गरुड किन्नरयक्ष कामिनुलु गमुलै |
विरहपु गीतमुल विंतालापाल |
परिपरिविधमुल बाडेरुनिन्नदिवो |
सिरिमॊगमु दॆरचि चित्तगिंचवेलय्या ‖
पॊंकपु शेषादुलु तुंबुरुनारदादुलु |
पंकजभवादुलु नी पादालु चेरि |
अंकॆलनुन्नारु लेचि अलमेलुमंगनु |
वेंकटेशुडा रॆप्पलु विच्चि चूचि लेवय्या ‖