View this in:
This stotram is in शुद्ध दॆवनागरी (Samskritam). View this in
सरल दॆवनागरी (हिंन्दी), with simplified anuswaras for easy reading.
अन्नमय्य कीर्तन त्वमेव शरणम्
त्वमेव शरणं त्वमेव शरणं कमलोदर श्रीजगन्नाथा ‖
वासुदेव कृष्ण वामन नरसिंह श्री सतीश सरसिजनेत्रा |
भूसुरवल्लभ पुरुषोत्तम पीत- कौशेयवसन जगन्नाथा ‖
बलभद्रानुज परमपुरुष दुग्ध जलधिविहार कुञ्जरवरद |
सुलभ सुभद्रा सुमुख सुरेश्वर कलिदोषहरण जगन्नाथा ‖
वटपत्रशयन भुवनपालन जन्तु- घटकारकरण शृङ्गाराधिपा |
पटुतर नित्यवैभवराय तिरुवेङ्कटगिरिनिलय जगन्नाथा ‖