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This stotram is in शुद्ध दॆवनागरी (Samskritam). View this in
सरल दॆवनागरी (हिंन्दी), with simplified anuswaras for easy reading.
अन्नमय्य कीर्तन शोभनमे शोभनमे
शोभनमे शोभनमे
वैभवमुल पावन मूर्तिकि ‖
अरुदुग मुनु नरकासुरुडु |
सिरुलतो जॆरलु दॆच्चिन सतुल |
परुवपु वयसुल बदारु वेलनु |
सॊरिदि बॆण्ड्लाडिन सुमुखुनिकि ‖
चॆन्दिन वेडुक शिशुपालुडु |
अन्दि पॆण्ड्लाडग नवगलिञ्चि |
विन्दुवलॆनॆ ता विच्चेसि रुकुमिणि |
सन्दडि बॆण्ड्लाडिन सरसुनुकि ‖
देवदानवुल धीरतनु |
दावतिपडि वार्थि दरुपगनु |
श्री वनितामणि जॆलगि पॆण्ड्लाडिन |
श्री वेङ्कटगिरि श्रीनिधिकि ‖