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This stotram is in शुद्ध दॆवनागरी (Samskritam). View this in
सरल दॆवनागरी (हिंन्दी), with simplified anuswaras for easy reading.
अन्नमय्य कीर्तन महिनुद्योगि कावलॆ
महिनुद्योगि कावलॆ मनुजुडैन वाडु |
सहजि वलॆ नुण्डि एमि साधिञ्चलॆडु ‖
वॆदकि तलचुकुण्टे विष्णुडु कानवच्चु |
चॆदरि मरचिते सृष्टि चीकटौ |
पॊदलि नडिचितेनु भूमॆल्ला मॆट्टि रावच्चु |
निदुरिञ्चिते कालमु निमिषमै तोचु ‖
वेडुकतो चदिविते वेदशास्त्र सम्पन्नुडौ |
जाडतो नूरकुण्डिते जडुडौनु |
वोडक तपसियैते वुन्नतोन्नतुडौ |
कूडक सोमरि ऐते गुणहीनुडौनु ‖
मुरहरु गॊलिचिते मोक्षमु साधिञ्चवच्चु |
वॆरवॆरगक उण्डिते वीरिडियौनु |
शरणण्टे श्रीवेङ्कटेश्वरुडु रक्षिञ्चुनु |
परग संशयिञ्चिते पाषण्डुडौनु ‖