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This stotram is in सरल दॆवनागरी(हिंन्दी). View this in शुद्ध दॆवनागरी (Samskritam), with appropriate anuswaras marked.

अन्नमय्य कीर्तन कंटि नखिलांड

कंटि नखिलांड तति कर्तनधिकुनि गंटि |
कंटि नघमुलु वीडुकॊंटि निजमूर्ति गंटि ‖

महनीय घन फणामणुल शैलमु गंटि |
बहु विभवमुल मंटपमुलु गंटि |
सहज नवरत्न कांचन वेदिकलु गंटि |
रहि वहिंचिन गोपुरमुलवॆ कंटि ‖

पावनंबैन पापविनाशमु गंटि |
कैवशंबगु गगन गंग गंटि |
दैविकपु पुण्यतीर्थमुलॆल्ल बॊडगंटि |
कोविदुलु गॊनियाडु कोनेरि गंटि ‖

परम योगींद्रुलकु भावगोचरमैन |
सरिलेनि पादांबुजमुल गंटि |
तिरमैन गिरिचूपु दिव्यहस्तमु गंटि |
तिरु वेंकटाचलाधिपु जूडगंटि ‖