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This stotram is in शुद्ध दॆवनागरी (Samskritam). View this in
सरल दॆवनागरी (हिंन्दी), with simplified anuswaras for easy reading.
अन्नमय्य कीर्तन कामधेनुविदे
कामधेनु विदे कल्पवृक्ष मिदे
प्रामाण्यमु गल प्रपन्नुलकु ‖
हरिनामजपमे आभरणम्बुलु
परमात्मुनिनुति परिमलमु |
दरणिदरु पादसेवे भोगमु
परमम्बॆरिगिन प्रपन्नुलकु ‖
देवुनि ध्यानमु दिव्यान्नम्बुलु
श्रीविभु भक्ते जीवनमु |
आविष्णु कैङ्कर्यमे संसारमु
पावनुलगु यी प्रपन्नुलकु ‖
येपुन श्रीवेङ्कटेशुडे सर्वमु
दापै यितनि वन्दनमे विधि |
कापुग शरणागतुले चुट्टालु
पै पयि गॆलिचिन प्रपन्नुलकु ‖