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This stotram is in सरल दॆवनागरी(हिंन्दी). View this in
शुद्ध दॆवनागरी (Samskritam), with appropriate anuswaras marked.
अन्नमय्य कीर्तन इप्पुडिटु कलगन्टि
रागं: भूपालं
इप्पुडिटु कलगंटि नॆल्ललोकमुलकु |
अप्पडगु तिरुवेंकटाद्रीशु गंटि ‖
अतिशयंबैन शेषाद्रिशिखरमु गंटि |
प्रतिलेनि गोपुर प्रभलु गंटि |
शतकोटि सूर्य तेजमुलु वॆलुगग गंटि |
चतुरास्यु बॊडगंटि चय्यन मेल्कॊंटि ‖
कनकरत्न कवाट कांतु लिरुगडगंटि |
घनमैन दीपसंघमुलु गंटि |
अनुपम मणीमयम्मगु किरीटमु गंटि |
कनकांबरमु गंटि ग्रक्कन मेल्कॊंटि ‖
अरुदैन शंख चक्रादु लिरुगड गंटि |
सरिलेनि यभय हस्तमु गंटि |
तिरुवेंकटाचलाधिपुनि जूडग गंटि |
हरि गंटि गुरु गंटि नंतट मेल्कंटि ‖