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This stotram is in शुद्ध दॆवनागरी (Samskritam). View this in सरल दॆवनागरी (हिंन्दी), with simplified anuswaras for easy reading.

अन्नमय्य कीर्तन डोलायाञ्चल

रागं: वरालि

डोलायां चल डोलायां हरे डोलायां ‖

मीनकूर्म वराहा मृगपति^^अवतारा |
दानवारे गुणशौरे धरणिधर मरुजनक ‖

वामन राम राम वरकृष्ण अवतारा |
श्यामलाङ्गा रङ्ग रङ्गा सामजवरद मुरहरण ‖

दारुण बुद्द कलिकि दशविध^^अवतारा |
शीरपाणे गोसमाणे श्री वेङ्कटगिरिकूटनिलय ‖ 2 ‖