| English | | Devanagari | | Telugu | | Tamil | | Kannada | | Malayalam | | Gujarati | | Oriya | | Bengali | | |
| Marathi | | Assamese | | Punjabi | | Hindi | | Samskritam | | Konkani | | Nepali | | Sinhala | | Grantha | | |
श्रि दत्त स्तवम् दत्तात्रेयं महात्मानं वरदं भक्तवत्सलं । दीनबंधुं कृपासिंधुं सर्वकारणकारणं । शरणागतदीनार्त परित्राणपरायणं । सर्वानर्थहरं देवं सर्वमंगल मंगलं । ब्रह्मण्यं धर्मतत्त्वज्ञं भक्तकीर्तिविवर्धनं । शोषणं पापपंकस्य दीपनं ज्ञानतेजसः । सर्वरोगप्रशमनं सर्वपीडानिवारणं । जन्मसंसारबंधघ्नं स्वरूपानंददायकं । जय लाभ यशः काम दातुर्दत्तस्य यः स्तवं । इति श्री दत्तस्तवम् । |