| English | | Devanagari | | Telugu | | Tamil | | Kannada | | Malayalam | | Gujarati | | Oriya | | Bengali | | |
| Marathi | | Assamese | | Punjabi | | Hindi | | Samskritam | | Konkani | | Nepali | | Sinhala | | Grantha | | |
बुध कवचम् अस्य श्रीबुधकवचस्तोत्रमंत्रस्य, कश्यप ऋषिः, अथ बुध कवचम् कटिं च पातु मे सौम्यः शिरोदेशं बुधस्तथा । घ्राणं गंधप्रियः पातु जिह्वां विद्याप्रदो मम । वक्षः पातु वरांगश्च हृदयं रोहिणीसुतः । जानुनी रौहिणेयश्च पातु जंघे??उखिलप्रदः । अथ फलश्रुतिः आयुरारोग्यशुभदं पुत्रपौत्रप्रवर्धनम् । ॥ इति श्रीब्रह्मवैवर्तपुराणे बुधकवचं संपूर्णम् ॥ |