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बृहस्पति कवचम् (गुरु कवचम्) अस्य श्रीबृहस्पति कवचमहा मंत्रस्य, ईश्वर ऋषिः, ध्यानम् अथ बृहस्पति कवचम् जिह्वां पातु सुराचार्यः नासं मे वेदपारगः । भुजा वंगीरसः पातु करौ पातु शुभप्रदः । नाभिं देवगुरुः पातु मध्यं पातु सुखप्रदः । जानुजंघे सुराचार्यः पादौ विश्वात्मकः सदा । फलशृतिः ॥ इति श्री बृहस्पति कवचम् ॥ |