अन्नमय्य कीर्तन तन्दनाना अहि
तन्दनान अहि, तन्दनान पुरॆतन्दनान भला, तन्दनान ॥
ब्रह्म मॊकटे, पर ब्रह्म मॊकटे, परब्रह्म मॊकटे, पर ब्रह्म मॊकटे ॥
कन्दुवगु हीनाधिकमु लिन्दु लेवुअन्दरिकि श्रीहरे अन्तरात्म ।इन्दुलो जन्तुकुल मन्ता ऒकटेअन्दरिकी श्रीहरे अन्तरात्म ॥
निण्डार राजु निद्रिञ्चु निद्रयुनॊकटेअण्डने बण्टु निद्र - अदियु नॊकटे ।मॆण्डैन ब्राह्मणुडु मॆट्टु भूमियॊकटेचण्डालुडुण्डेटि सरिभूमि यॊकटे ॥
अनुगु देवतलकुनु अल काम सुख मॊकटे घन कीट पशुवुलकु काम सुख मॊकटे ।दिन महोरात्रमुलु - तॆगि धनाढ्युन कॊकटेवॊनर निरुपेदकुनु ऒक्कटे अवियु ॥
कॊरलि शिष्टान्नमुलु तुनु नाक लॊकटेतिरुगु दुष्टान्नमुलु तिनु नाक लॊकटे ।परग दुर्गन्धमुलपै वायु वॊकटेवरस परिमलमुपै वायु वॊकटे ॥
कडगि एनुगु मीद कायु ऎण्डॊकटेपुडमि शुनकमु मीद बॊलयु नॆण्डॊकटे ।कडु पुण्युलनु - पाप कर्मुलनु सरि गावजडियु श्री वेङ्कटेश्वरु नाम मॊकटे ॥
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