अन्नमय्य कीर्तन राजीव नेत्राय
राजीव नेत्राय राघवाय नमो ।सौजन्य निलयाय जानकीशाय ॥
दशरथ तनूजाय ताटक दमनाय कुशिक सम्भव यज्ञ गोपनाय ।पशुपति महा धनुर्भञ्जनाय नमो विशद भार्गवराम विजय करुणाय ॥
भरित धर्माय शुर्पणखाङ्ग हरणाय खरदूषणाय रिपु खण्डनाय ।तरणि सम्भव सैन्य रक्षकायनमो निरुपम महा वारिनिधि बन्धनाय ॥
हत रावणाय संयमि नाथ वरदाय अतुलित अयोध्या पुराधिपाय ।हितकर श्री वेङ्कटेश्वराय नमो वितत वाविलिपाटि वीर रामाय ॥
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